दिल की जुबान लोग क्यों नहीं समझते /POSTIVE THOUGHTS/POSITIVE ATTITUDE
अपडेट करने की तारीख: 5 मई
दोस्तों, आज मैं आपके साथ एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय पर बात करना चाहता हूँ।
हम सभी को अपने दिल की बातें किसी न किसी से कहनी होती हैं।
हमें लगता है कि हमारी बातें हमारे दिल से नहीं निकलती हैं

और हमारे साथ हमेशा रहती हैं। पर क्या आपने कभी सोचा है कि दिल की जुबान लोग क्यों नहीं समझते?हम सभी को अपने दिल की बातें कहने का हक होता है। पर कुछ लोग होते हैं जो हमारी बातें समझते हैं, और कुछ लोग होते हैं जो हमारी बातें समझने की कोशिश तक नहीं करते। इससे हमें बहुत ही असहज महसूस होता है।लेकिन हमें समझना चाहिए कि सभी लोग समान नहीं होते। हर व्यक्ति के पास अपनी-अपनी सोच होती है, और हर व्यक्ति की समझ में कुछ-न कुछ अंतर होता है। इसलिए, हमें दिल की जुबान से संबंधित मुद्दों पर सही समय पर सही स्थान पर बात करना सीखना चाहिए।
दिल की जुबान से संबंधित मुद्दों पर सही समय पर सही स्थान पर बात करना महत्वपूर्ण होता है।
हमें समझना चाहिए कि कुछ मुद्दे प्राइवेट होते हैं, जिन्हें हमें सिर्फ अपने पार्टनर के साथ ही discuss करना चाहिए। और कुछ मुद्दे public होते हैं, जिन्हें हमें समाज में discuss करना चाहिए।
हमें समझना चाहिए कि हमारी समस्याएं, हमारे दुख, हमारी प्रतिक्रियाएं, हमेशा सिर्फ हमारे पास होती हैं।
पर कुछ मुद्दे होते हैं, जो समस्या नहीं, समाधान माँगते हैं।हमें समझना चाहिए कि समस्या का समाधान हमेशा सिर्फ हमारे पास नहीं होता। हमें सही मार्गदर्शन मिलना चाहिए, जो हमें समस्या का सही समाधान प्रदान करने में मदद करता है।
दिल, जो हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है, उसकी जुबान से हमें क्या तरह की संकेत मिलते हैं, यह हम सभी जानते हैं। लेकिन क्या हमें पता है कि दिल की जुबान के संकेतों को समझना कितना महत्वपूर्ण होता है? एक स्वस्थ दिल एक स्वस्थ मन की नींव होती है, इसलिए दिल की जुबान को समझना बहुत आवश्यक होता है।
आमतौर पर, हम लोग अपनी ज़िन्दगी में बहुत सारे संघर्षों का सामना करते हैं। ये संघर्ष हमें अक्सर अपने मन के साथ संघर्ष करने पर मजबूर करते हैं, जिससे हमारे मन में उलझनें होती हैं। इससे हमारी जुबान पर प्रभाव पड़ता है और हमें समझना मुश्किल होता है कि हमारे मन में क्या चल रहा है।
दिल की जुबान को समझने के लिए, पहले हमें अपने मन को सुलझाना होता है। हमें अपने मन को सुलझाने के लिए ध्यान में बैठकर मेडिटेशन करना, प्रार्थना करना, साधना करना, योग करना, स्वस्थ खान-पान करना, समय से पहले सोना, और सकारात्मक सोच का प्रयास करना चाहिए।
अपने मन को सुलझाने के बाद, हमें अपनी जुबान को सुलझाना होता है। दिल की जुबान से हमें कुछ संकेत मिलते हैं, जो हमें हमारे मन की स्थिति के बारे में बताते हैं। इसलिए, हमें अपनी जुबान पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, और समझना चाहिए कि हम क्या कहने जा रहे हैं।
हमेशा याद रखें, दिल की जुबान से हमें संकेत मिलते हैं, जो हमें हमारे मन की स्थिति के बारे में बताते हैं। प्रतिदिन मेडिटेशन, प्रार्थना, साधना, योग, स्वस्थ खान-पान, समय से पहले सोना, और सकारात्मक सोच का प्रयास करना, हमें हमारी जुबान को सुलझाने में मदद करता है।
सकारात्मक सोच का प्रयास करें।
संकल्पित हों, सकारात्मक हों, स्वस्थ हों!
KAMAL KISHORE "KAFIR"