औरत
अपडेट करने की तारीख: 5 मई
तालीम छोड़ी तब शहनाई मिली
लिबास ओढ़ा तब रिहाई मिली

जिसको समझा था शज़र ए जिंदगी
उसकी ना खुशबु मिली ना परछाई मिली
kamal kishore "kafir"
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